Preloader
  • Via: Ms. #ShashiShukla

    हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए
    हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए,
    इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।

    आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,
    शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।

    हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में,
    हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए।

    सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद…Read More

    1 Comment